आज हम बात करेंगे Basic Electrical Quantities and Units in Hindi | बेसिक इलेक्ट्रिकल राशियाँ और मात्रक हिंदी में इस आर्टिकल में इलेक्ट्रिकल में प्रयुक्त होने वाले फंडामेंटल राशियों और उनके मात्रक (Basic Electrical Quantities and units) जो की किसी भी कंपटीटिव एग्जाम या फिर इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स के साक्षात्कार में बहुत पूछा जाता है।
किसी भी भौतिक (यहाँ पर इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स) घटना का वर्णन करने के लिए विभीन्न प्रकार के भौतिक राशियों का मापन करना आवश्यक होता है। जिससे हम उस घटना या प्रयोग में उस राशि की मात्रा को बता सकें। अतः किसी राशि की मात्रा को जिसके द्वारा मापा जाए उसे मात्रक कहते हैं।
Electric Charge (विद्युत आवेश):
विद्युत आवेश किसी भी पदार्थ का एक भौतिक गुण है। जिसके कारण पदार्थ में विद्युत-चुंबकत्व उत्पन्न होता है और वह एक बल का अनुभव करता है।

दोस्तो 600 BCE मैं Thales of miltus(Greek वैज्ञानिक, गणितज्ञ) के द्वारा अम्बर की लकड़ी को बिल्ली के बाल पर रगड़ने पर एक आकर्षण बल के बारे मैं पता लगा जिसे आवेश या स्थैतिक आवेश या स्थैतिक इलेक्ट्रिसिटी कहा जाता है। किसी भी पदार्थ के परमाणु में प्रोटोन्स (धनावेश) और इलेक्ट्रॉन्स (ऋणावेश) मौजूद होने के कारण विद्युत आवेश दो प्रकार (धनात्मक और ऋणात्मक) का होता है।
इलेक्ट्रान का आवेश= -1.6*10-19 कूलाम, प्रोटोन का आवेश= +1.6*10-19 कूलाम, जबकि न्यूट्रॉन एक उदासीन कण है।
समान आवेशित परमाणु एक-दूसरे को प्रतिकर्षित तथा विपरीत आवेशित परमाणु एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
विद्युत आवेश- Q
S. I मात्रक- कूलाम (Coulombs) या एम्पियर-सेकंड
राशि- अदिश
विमायें- [AT]
मापन- इलेक्ट्रोमीटर
Q=n*e (Coulombs)
इस सूत्र में
n= पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों की संख्या,
e= इलेक्ट्रॉन पर आवेश
Electric Curent (विद्युत धारा):
विद्युत आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं। मूलतः किसी भी क्षेत्र या चालक में विद्युत आवेशित कणो के प्रवाहित होने की दर को विद्युत धारा कहते हैं।
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जो मूविंग चार्ज विद्युत धारा को प्रवाहित करते हैं उनको आवेश वाहक कहते हैं। चालकों में विद्युत धारा प्रायः इलेक्ट्रॉन के कारण होती है। अर्धचालकों में विद्युत धारा धनावेशों(Holes) के कारण होती है। इलेक्ट्रोलाइट ठोस या तरल पदार्थों (केमिकल बैटरीज) में आवेश वाहक, प्रायः आयन होते हैं। जबकि आयनित गैसों (प्लाज्मा- जिसमे ठोस,द्रव,गैस तीनो गुण होते हैं।) में आवेश वाहक, इलेक्ट्रॉन और आयन होते हैं।
Voltage (विभव):
वोल्टेज या विभव के कई नाम व परिभाषएँ हैं। आसान शब्दों में कहें तो विभव एक दबाव है जो विद्युत आवेश को किसी सर्किट में प्रवाहित करता है।
बिना विभव के परिपथ में विद्युत धारा संभव नही है। आवेश वाहकों को स्थैतिक अवश्था से गतिज अवश्था में जाने के लिए एक दबाव की आवश्यकता होती है। जैसे किसी नदी को बहने के लिए झुकाव/ढलान आवश्यक है।
विभव किसी सर्किट में दो बिंदुओं के बीच का अंतर होता है अतः इसे विभवांतर (Potential diffrence) भी कहते हैं। किसी परिपथ में इकाई आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने और जिसकी वजह से परिपथ में धारा के प्रवाह में किये गये कार्य को विभवांतर कहते है।
वोल्टेज एक प्रकार का बल भी है जो धनावेश को निम्न विभव की ओर और ऋणावेश को उच्च विभव की ओर खिंचता है जिससे परिपथ में विद्युत धारा उच्च विभव से निम्न विभव की तरफ प्रवाहित होती है।
विभव- V
S. I मात्रक- वोल्ट (Volt) या जूल/कूलाम
राशि- अदिश
विमायें- [ M L2 T−3 A−1]
मापन- वोल्टमीटर
V= W/Q (Joule/Coulombs)
इस सूत्र में
W= कार्य
Q= आवेश
V= I*R (Volt)
इस सूत्र में
I= विद्युत धारा
R= प्रतिरोध
Resistance (प्रतिरोध):
प्रतिरोध किसी चालक का गुण है जो विद्युत परिपथ मैं आवेश वाहकों के बहाव को नियंत्रित करता है।
प्रतिरोध किसी परिपथ में वोल्टेज और करंट के बीच के सम्बन्ध को भी दिखता है। प्रत्येक पदार्थ का प्रतिरोध अलग-अलग होता है।
प्रतिरोध- R
S. I मात्रक- ओम
राशि- अदिश
विमायें- [ M L2 T−3 A−2 ]
मापन- ओममीटर
R= V/I (Ohm)
इस सूत्र में
V= वोल्टेज
I= विद्युत धारा
R=ρl/a (Ohm-meter)
इस सूत्र में
ρ= प्रतिरोधकता
l= चालक की लंबाई
a= चालक का क्षेत्रफल
आशा करते हैं आर्टीकल Basic Electrical Quantities and Units in Hindi | Engineer Dost (इंजीनियर दोस्त) आपको अच्छा लगा होगा।
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